Skip to main content

खोये हुए मर्दाना शक्ति को वापस पाए https://www.facebook.com/purannirala007/


आयुर्वेद में सेहत का खजाना छुपा है। अक्सर ही लोग नादानियों के चलते शारीरिक शक्ति व क्षमता खो देते हैं, ऐसे में घबराने की जरूरत नहीं है, हम आपको ऐसी ताकतवर खुराक की रेसिपी बताने जा रहे हैं जिसे खाने से आपमें शक्ति लौटेगी। यकीन मानिए राजा महाराजा भी इस चीज को खाया करते थे। यहां पढ़ें उड़द दाल के लड्डू बनाने की आसानी रेसिपी –



सामग्री –

उड़द दाल – 400 ग्रसम
घी – 400 ग्राम
छोटी इलाइची – 10
पिस्ते – 10 ग्राम
काजू, किशमिश, बादाम – 100 ग्राम
बूरा या मिसी हुई मिश्री – 300 से 400 ग्राम

ऐसे बनाएं

– उड़द दाल को साफ कर तीन से चार घंटे के लिए पानी में भिगो दें।
– भीगी हुई दाल को हल्का मोटा पील सें और कढ़ाई में देसी घी में लगातार चमचे से चलाते हुए भून लें।
– दाल को ब्राउन होने तक भूनें, इसमें थोड़ा समय लग सकता है।
– अब गैस बंद कर दें और भुनी हुई दाल में बूरा मिला लें।
– इसमें बारीक कटे काजू, बादाम, पिस्ता, इलाइची पाउडर डाल कर मिलाएं।
– अब लड्डू बनाने के लिए मिश्रण तैयार है। मिश्रण को दोनों हाथों में लेकर मुट्ठी बनाते हुए छोटे छोटे लड्डू बनाएं और एयरटाइट कंटेनर में भर कर रख लें।
– एक लड्डू रोज सुबह खाली पेट गर्म दूध के साथ खाएं, शारीर की कमजोरी दूर होगी और दिमाग को ठंडक मिलेगी।

Comments

Popular posts from this blog

MUSCULAR DYSTROPHY(स्नायु डाइस्ट्रोफी )

MUSCULAR DYSTROPHY  https://www.facebook.com/purannirala007                  स्नायु डाइस्ट्रोफी एक प्रकार की विरासत वाली विकार है जिसमें मांसपेशियों की कमजोरी और मांसपेशियों के ऊतकों को बर्बाद किया जाता है और समय के साथ खराब हो जाता है। इसे विरासत में मिलीयोपैथी या एमडी के रूप में भी कहा जाता है। यद्यपि यह स्नायविक डिस्ट्रॉफी विरासत में मिली शर्तों का एक समूह है, जो बचपन या वयस्कता में हो सकता है और वे बेकर स्नायु डिस्ट्रॉफी, एमरी-ड्रेइफस पेशी डिस्ट्रोफी, ड्यूसेन पेशीय विकृति, फैसिओस्केपुलोहिमेंरल स्नायु डिस्ट्रोफी, लिम्ब-कंठधारा पेशी डिस्ट्रोफी, मायोटोनिक डिस्ट्रोफी और मायोटोनिया हैं जन्मजात ये विभिन्न कारकों के आधार पर किस्म हैं। यद्यपि विभिन्न प्रकार के पेशीय डाइस्ट्रॉफी के लक्षण भिन्न हो सकते हैं, कुछ मांसपेशियों या मांसपेशियों के कुछ समूह प्रभावित हो सकते हैं पेशी में कमी के अलावा, मानसिक मंदता, मांसपेशियों के विकास संबंधी देरी और एक या अधिक मांसपेशियों के समूहों की कठिनाई, पलक झिलमिलाना, डरोउलिंग, लगातार गिरने, मांसपेशियों के थोक और मांसपेशियों के आकार

टमाटर के गुणो बारे में जानते है.........

इस टमाटर के मौसम में हम टमाटर के गुणो बारे में जानते है.......... टमाटर! ये मीठे, रसीले और स्वादिष्ट होते हैं। हर कोई जानता है, कि ये आप के लिए अच्छे होते हैं। क्या हर किसी को विशेष रूप से पता है, कि टमाटर एक स्वस्थ भोजन क्यों है? इनमें विटामिन सी होता है? इनमें कैलोरी कम होती हैं, लेकिन इतना सब कुछ नहीं है! लाल, पके, कच्चे टमाटर (एक कप या 150 ग्राम) को परोसना विटामिन ए, सी,के, फोलेट और पोटेशियम का एक अच्छा स्रोत है। टमाटर में संतृप्त वसा, कोलेस्ट्रॉल, कैलोरी और सोडियम स्वाभाविक रूप से कम होता है। टमाटर थियमिन, नियासिन, विटामिन बी -6, मैग्नीशियम, फास्फोरस और तांबा, भी प्रदान करता है, जो सभी अच्छे स्वास्थ्य के लिए जरूरी हैं। उन सबके ऊपर एक चम्मच टमाटर आपको देगा 2 ग्राम फाइबर, जो दिन भर में जितना फाइबर चाहिये उसका 7 प्रतिशत होगा। जो टमाटर में अपेक्षाकृत उच्च पानी भी होता है, जो उन्हें गरिष्ठ भोजन बनाता है। सामान्यत: टमाटर सहित अधिक सब्जियां और फल खाने से उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल, स्ट्रोक, और हृदय रोग से सुरक्षा मिलती है। आइये देखें, कि टमाटर को एक उत्कृष्ट स्वस्थ विकल्प कौन