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MUSCULAR DYSTROPHY(स्नायु डाइस्ट्रोफी )

MUSCULAR DYSTROPHY  https://www.facebook.com/purannirala007                  स्नायु डाइस्ट्रोफी एक प्रकार की विरासत वाली विकार है जिसमें मांसपेशियों की कमजोरी और मांसपेशियों के ऊतकों को बर्बाद किया जाता है और समय के साथ खराब हो जाता है। इसे विरासत में मिलीयोपैथी या एमडी के रूप में भी कहा जाता है। यद्यपि यह स्नायविक डिस्ट्रॉफी विरासत में मिली शर्तों का एक समूह है, जो बचपन या वयस्कता में हो सकता है और वे बेकर स्नायु डिस्ट्रॉफी, एमरी-ड्रेइफस पेशी डिस्ट्रोफी, ड्यूसेन पेशीय विकृति, फैसिओस्केपुलोहिमेंरल स्नायु डिस्ट्रोफी, लिम्ब-कंठधारा पेशी डिस्ट्रोफी, मायोटोनिक डिस्ट्रोफी और मायोटोनिया हैं जन्मजात ये विभिन्न कारकों के आधार पर किस्म हैं। यद्यपि विभिन्न प्रकार के पेशीय डाइस्ट्रॉफी के लक्षण भिन्न हो सकते हैं, कुछ मांसपेशियों या मांसपेशियों के कुछ समूह प्रभावित हो सकते हैं पेशी में कमी के अलावा, मानसिक मंदता, मांसपेशियों के विकास संबंधी देरी और एक या अधिक मांसपेशियों के समूहों की कठिनाई, पलक झिलमिलाना, डरोउलिंग, लगातार...

त्रिफला कैसे बनाये और उसके फायदे के बारे में जाने

20-20 साल पुरानी कब्ज भी ठीक करता है यह तीन फलों से बनाया त्रिफला चूर्ण मित्रो आयुर्वेद के अनुसार हमारे शरीर मे जितने भी रोग होते है वो त्रिदोष: वात, पित्त, कफ के बिगड़ने से होते है । वैसे तो आज की तारीक मे वात,पित कफ को पूर्ण रूप से समझना सामान्य वुद्धि के व्यक्ति के बस की बात नहीं है । लेकिन आप थोड़ा समझना चाहते है तो इतना जान लीजिये।  सिर से लेकर छाती के मध्य भाग तक जितने रोग होते है वो कफ के बिगड़ने के कारण होते है ,और छाती के मध्य से पेट खत्म होने तक जितने रोग होते है तो पित्त के बिगड़ने से होते है और उसके नीचे तक जितने रोग होते है वो वात (वायु) के बिगड़ने से होते है । लेकिन कई बार गैस होने से सिरदर्द होता है तब ये वात बिगड़ने से माना जाएगा । ( खैर ये थोड़ा कठिन विषय है ) जैसे जुकाम होना, छींके आना, खांसी होना ये कफ बिगड़ने के  है  तो ऐसे रोगो मे आयुवेद मे तुलसी लेने को कहा जाता है क्यों कि तुलसी कफ नाशक है. ऐसे ही पित्त के रोगो के लिए जीरे का पानी लेने को कहा जाता है क्योंकि जीरा पित नाशक है । इसी तरह मेथी को वात नाशक कहा जाता है लेकिन मेथी ज्यादा लेने से ये वा...
सुबह उठकर खाएंगे अंकुरित काले चने, तो बॉडी पर होंगे ये 10 असर   काले चने सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। इनमें बड़ी मात्रा में कार्बोहाइड्रेट, विटामिन्स, मिनरल्स, प्रोटीन और फाइबर्स होते हैं। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद के डॉ. सी. आर. यादव का कहना है कि चने को अंकुरित करके सुबह खाने से इनका फायदा बढ़ जाता है। कैसे बनाएं और खाएं अंकुरित चने… ? सुबह एक मुट्ठी काले चनों को अच्छे से धोकर साफ पानी में भिगो दें। रात में सोने से पहले इनका पानी निकालकर इन्हें एक साफ गीले कपड़े में लपेटकर हवा में रख दें। अगले दिन सुबह तक ये चने अंकुरित हो जाएंगे। इन चनों को सीधे न खाकर इन्हें हल्के तेल में थोड़ा फ्राई करना ज्यादा बेहतर रहता है। चाहें तो इनमें बारीक कटी हुई सलाद मिला लें। इन्हें अच्छी तरह चबा-चबाकर खाना चाहिए। आइए जानते हैं इसके क्या फायदे हैं  आइए जानते हैं इसके क्या फायदे हैं। मिलेगी ताकत – अंकुरित काले चने ताकत और अनिल जी का बहुत बड़ा सोरस है रेगुलर खाने से कमजोरी दूर होती है बढ़ेगी फर्टिलिटी – रोज सुबह अंकुरित काले चने शहद के साथ लेने से फर्टिलिटी बढती है बेहतर स्...